➢ सशक्त आजीवन अधिगम : अभििावकों हेतु प्रायोधगक दिशा निर्देश
आज के समय में उन अभिभावकों के लिए आजीवन अधिगम का आरंभ करना कोई बच्चों का खेल नहीं है जिनके पास नए जमाने की विकसित और तकनीकी डिग्रीस नहीं है | आइए, हम विकास की ओर तेज गति से बढ़ते हुए इस युग में अधिगम को एक जटिल प्रक्रिया के रूप में न लेकर उत्साहपूर्ण तथा उत्तेजक गतिविधियों के रूप में अपने बच्चों के साथ चर्चा करें, जोकि स्कूल की दीवारों में के भीतर होने वाली गतिविधियों से बिल्कुल भिन्न हो |
➢ अभिभावक के रूप में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका
बच्चों की अधिगम प्रक्रिया यात्रा में आप अपनी भूमिका आदर्श दिशा निर्देशक के रूप में रखें l यह जरूरी नहीं कि आप उसके गृह कार्य को या किसी अन्य तरह की कामों को पूरा करने में मदद करें बल्कि आप अपने मूल्यवान विचारों और अपने अनमोल समय को उनके साथ बिताते हुए अपने जीवन के अनुभवों को उनके साथ साझा करके उनका मार्ग प्रशस्त करें |
➢ दैनिक चुनौतियों का सफलतापूर्वक निर्वाह करना
हम जानते हैं कि आज के व्यस्ततम जिंदगी में बच्चों के लिए समय निकालना और उन्हें समय-समय पर प्रेरित करना कठिन है, किंतु नामुमकिन नहीं | यदि हम समय निकालकर उनकी समस्याओं को सुने व सुलझाएं तो वे उन चुनौतियों से सामना करने के लिए स्वयं को सक्षम पाते हैं और एक अच्छी शुरुआत कर सकते हैं | यह सब निर्भर करता है कि हम कितने अच्छे से संतुलित रूप से चीजों को संयमित व व्यवस्थित करते हैं | यदि हम ऐसा करने में सफल होते हैं तो हमें इसके बेहतर परिणाम मिलते हैं |
➢ प्रायोगिक या व्यावहारिक सलाह
सीखने से तात्पर्य किताबें या परीक्षा से नहीं वरन कुछ अलग करना, विशेष सीखना तथा योग्यता का विस्तार करने से है l बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें अधिक से अधिक पढ़ने जैसे पाठ वाचन, पत्र-पत्रिका वाचन के लिए प्रेरित करने से है | वह जितना पढ़ेंगे उतना सीखेंगे और वह जितना अपने आसपास की चीजों को समझेंगे वह उनके जीवन में अधिक काम आएगा l हमें उन को जिंदगी के सजीव उदाहरणों के द्वारा सीखने के लिए प्रेरित करना है ताकि वह रुचिपूर्ण ढंग से अधिगम प्रक्रिया को पालित कर सके | उन्हें सैद्धांतिक की अपेक्षा प्रायोगिक अधिगम की ओरअगसर करें |
➢ संक्षेप में
अभिभावक के रूप में आपको अपने प्रयासों से बच्चों के उज्जवल भविष्य को एक सही आकार देना है | आजीवन शिक्षक अधिगम कोई छोटी-मोटी दौड़ नहीं बल्कि जीवन की वह लंबी दौड़ है जहाँ पर उसे अपने भविष्य के लिए नींव रखनी है | आप को बच्चे में जिज्ञासा उत्साह के माध्यम से शिक्षा के प्रति मजबूती प्रदान करनी है और अपने प्यार और स्नेह से उसकी कोमल जड़ों को सींचना है ताकि वह आने वाले समय में शिक्षा को एक आयाम समझे न कि बोझ l उसे ऐसा लगना चाहिए की शिक्षा ने उस के जीवन के उन बंद दरवाजों खोल दिया है जो उसके प्रगति के मार्ग में सहायक है |